खेतों में नीमास्त्र, ब्रम्हास्त्र, आग्नेयास्त्र का प्रयोग
नीमास्त्र, ब्रम्हास्त्र, आग्नेयास्त्र यह किसानों के वह अस्त्र है जिनका उपयोग कर किसानों द्वारा फसलों के कीड़े, मकोड़े व अन्य बिमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है। जिन्हे वह अपने घर पर ही अपनी आवश्यकता के अनुसार परंपरागत विधि से तैयार कर सकते है।
नीमास्त्र :-
सब्जी वाली फसलों में रस चूसक कीट और बग कीट का नियंत्रण करने के लिए नीमास्त्र का उपयोग लाभदायक होता है। इसके लिए 5 किलो नीम की पत्ती को कुचलें। इसमें 5 लीटर गौमूत्र और 2 किलो गाय का गोबर मिलाए। इस मिश्रण को 24 घण्टे सड़ने के लिए छोड़ दें। इसे एक - एक घण्टे के अंतराल में लकड़ी से घुमाकर हिलाते रहें। मिश्रण को निचोड़कर छान ले और 100 लीटर पानी में मिला लें। तैयार घोल का एक एकड़ क्षेत्र में छिड़काव हेतु उपयोग करें।
ब्रम्हास्त्र :-
3 किलो नीम की पत्ती को कुचलकर 10 किलो गौमूत्र में मिला दें। सीताफल, पपीता, अनार, अरण्डी और अमरूद की पत्ती 2 - 2 किलो मिलाकर पानी के साथ कुचले। दोनों मिश्रण को मिलाकर पाँच बार तब तक उबालें जब तक तैयार मिश्रण आधा ना रह जाए। 24 घण्टे बाद इसे निचोड़कर छान लें। 2 - 2.5 लीटर मिश्रण को 100 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ क्षेत्र में छिड़काव हेतु उपयोग करें।
आग्नेयास्त्र :-
एक किलो बेशरम की पत्ती, आधा किलो तीखी हरी मिर्च, आधा किलो लहसुन, आधा किलो नीम की पत्ती को कुचलकर 10 लीटर गौमूत्र में मिलाए। इसे तबतक उबालें जब तक गौमूत्र आधा ना रह जाए। मिश्रण को निचोड़कर छान ले। इसे बोतल में स्टोर भी किया जा सकता है। 2 - 3 लीटर मिश्रण 100 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ क्षेत्र में छिड़काव हेतु उपयोग करें। यह हर तरह की फसल के हर तरह की कीट और बिमारियों को खत्म करने में सक्षम है।
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